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Nivedita Chakravorty

Others

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Nivedita Chakravorty

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दुपट्टा

दुपट्टा

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अब मैं दुपट्टा नहीं ओढ़ती

बहुत पहले कॉलेज जाते हुए

ओढ़ती थी कि धूप न लगे

फिर दुपट्टा ओढ़ती थी कि

रास्ते में थोड़ी ढँकी रहूँ

फिर ब्याह के बाद दुपट्टा

ओढ़ती थी कि बड़ों से थोड़ी

आड़ रहे


दुपट्टा काम आया था बच्ची को

गोद में ढंकने को भी

फिर कभी कभी काम आने लगा 

आँसू को पोंछने को भी

कभी कभी जल्दी में गर्म बर्तन

पकड़ने को भी

अब जो चल पड़ी ,न लगे

धूप न लगे ताप

आँसू भी सारे धीरे धीरे होते

गए भाप

और दुपट्टा उतरा यूँ ही,

फिर गुम हो गया

बस अब मैं दुपट्टा न

हीं ओढ़ती



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