उलझे संबंधों से मुक्त शब्दजाल से मुक्त.. तुम्हारा प्राणमुक्त होना कचोटता है क्यों तुम्हारा चुपचा... उलझे संबंधों से मुक्त शब्दजाल से मुक्त.. तुम्हारा प्राणमुक्त होना कचोटता है क...
परंतु जिंदगी दोधारी तलवार है उससे भी आगे ये बिना संविधान के है, परंतु जिंदगी दोधारी तलवार है उससे भी आगे ये बिना संविधान के है,