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Jyotshna Rani Sahoo

Fantasy Inspirational

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Jyotshna Rani Sahoo

Fantasy Inspirational

सपनों की महल

सपनों की महल

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महल सपनों का मेरे कुछ इस तरह बन गया

अपने सिर उठाते थे पर आसमान झुक गया।


उसके अंदर दौलत और शोहरत के दीवारें थे

पर सुकून की हवा आना खिड़कियों से रुक गया।


मुझे देख पाते थे सब पर मैं जैसे कैदी था वहां

ना ख़तम होती सीढ़ियां चढ़ते चढ़ते मैं थक गया।


नहीं थे कोई मुझे दिलासा देने के लिए उस महल में

पैसों के नदियां थी पर प्यार की झील सब सूख गया।


अब पता चला भूख भी बड़ी प्यारी चीज होती है

आँखों के सामने स्वादिष्ट भोजन पर भूख मिट गया।


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