सुकून
सुकून
तुम्हारी आवाज़ सिर्फ,
मेरे कानों तक,
नहीं पहुँचती,
मेरी रूह को छूती है।
ऐसे जैसे गर्मी की,
चिलकती धूप में,
सुकून देने वाली,
ठंडी हवा ने छुआ हो।
तुम्हारी आवाज़ सिर्फ,
मेरे कानों तक,
नहीं पहुँचती,
मेरी रूह को छूती है।
ऐसे जैसे गर्मी की,
चिलकती धूप में,
सुकून देने वाली,
ठंडी हवा ने छुआ हो।