वो किनारे
वो किनारे
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जो मिले थे वो किनारे,
वो भँवर क्यों हो गए।
वही कुछ मेरे थे सहारे,
कहीं मुझसे ही खो गए।
दिल भी क्या करे,
तनहा चले, तनहा रुके।
फासले कुछ ऐसे
जो पूरे ना हो सके।
अब कह भी दे ऐ जिन्दगी
तेरे दिल में क्या है।