STORYMIRROR

Anchor Nehaa Gupta

Inspirational

2  

Anchor Nehaa Gupta

Inspirational

मंज़िलों को यूं ना रुखसत कर

मंज़िलों को यूं ना रुखसत कर

1 min
387

मंज़िलों को यूं ना रुखसत कर, 

दिल की सुन ज़माने से यूं ना डर,


डरना है तो ख़ुदा से डर,

कुछ करना है तो जी भर के कर,


पर करना वो जो कदमों को ना भटकाए,

भरना वो जो कभी ना जाए,


हां, जाता है एक दिन सब, 

पर होता है कुछ अनंत भी,


हां, अनंत जो रहे युगों तक,

हो असीम, हो अपार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational