सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
जय जय जय सरस्वती माता।
तुम्हरी महिमा सब जग गाता।
ज्ञान, बुद्धि, विद्या तुम देती -
जीवन का फल तुमसे पाता।
शतदल पर मां सदा विराजे।
वीणा, पुस्तक कर में साजे।
धवल वर्ण तन श्वेत वसन है-
स्फटिकमालिका ग्रीवा छाजे।
स्वर तुमसे है गीत भी तुमसे।
सरगम और संगीत भी तुमसे।
तुमसे जग में मान है मिलता-
रीत, प्रीत और मीत भी तुमसे।
सौम्या, वागीश्वरी, भारती।
दुनिया तुझको मां पुकारती।
जग तेरी ही करे आराधना-
सब जन तेरी करें आरती।
मुझ पर भी उपकार करो मां।
निज सुत का उद्धार करो मां।
विद्या का अब दान मुझे दो-
विनती अब स्वीकार करो मां।