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sarika k Aiwale

Romance Classics Inspirational

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sarika k Aiwale

Romance Classics Inspirational

सवाल या शिकवा

सवाल या शिकवा

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हर बात पे सवाल है निगाह मै

हर साथ पे क्यो शिकवा है

ना करु बया तो भी गिला करे

बया करु तो क्या यकिन करोगे


जिंदगी अभी तो मिली साँसो से

साँसो मै खुशिया क्यो गिनते हो

दबी सिस्किया मै पल जिते हो

पलकों की इन्ही आह मै भी


वही तबाही क्यो सोचते हो

हर बात पे सवाल है निगाह मै

हर साथ पे क्यो शिकवा है

चंद पल ही सही गैर हो गये

बस आहाटो में सदीया जी लिये


चाली अगर जुबान कही तो

वदियों मे दफन वो सिले हुये

किस बात पे मिली हो मोहलते

किस जन्म की सोच लिये दुवाये


जिने का यही एहसास लिये

निगाहे दिलपर देती दस्तक है

हर बात पे सवाल है निगाह मै

हर साथ पे क्यो शिकवा है


आज भुलकेभी वही राह चल दिये

जहासे वो जिंदगी को ही छोड चले

हर बात पे सवाल लिये निगाह मै

हर सवाल का भी हल ढुंढ लेते है


पल हर पल का हिसाब है रखते

जिंदगी फिर भी करती एहसान है

बहके वपिस वही मोड पे लाती है

जहा से बिखरने की वजह बसी है

वही से जुडणे की सजा सुनाती हैं..


हर बात पे सवाल है निगाह मैं

हर साथ पे क्यों शिकवा है।


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