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Aditi Vats

Abstract Classics Inspirational

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Aditi Vats

Abstract Classics Inspirational

दिल्ली शहर

दिल्ली शहर

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दिल्ली शहर का क्या हाल मचा है 

देखो तो क्या हाहाकार मचा है 

दुनिया जहां के हॉस्पिटल है यहां 

अनगिनत मौत हो रही है जहां ।


रोजाना खबर अपनो को खोने की आ रही 

ऐसा लग रहा मानो दुनिया खत्म होती जा रही 

अखबार का हर एक कोना 

हर बार यूंही कहता , किसी अपने को मत खोना।


दिल्ली शहर दिल का शहर था रहा 

देखो आज कितना लाचार ओर बेबस हो रहा 

मोल की सासों का मोल हो रहा 

पूरा शहर सासों को मोहताज हो रहा ।


सुबह से शाम तक, दिन से रात तक  

आंकडे दर्ज हो रहे 

रोज रोज सबके अपने खो रहे 

देखो ! दिल्ली शहर का क्या हो रहा।


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