माँ
माँ
माँ शब्द में ही है एक आस, जो देती है उम्मीद,
प्यार और पूर्णता का एहसास,
तुम्हारे आँचल की छांव में उंगली पकड़ कर उन नन्हे कदमों ने चलना है सीखा,
ज़िन्दगी की राह पर चलते-चलते ना जाने हम कब बड़े हो गए,
लेकिन आज भी दिल भर आता है,
याद कर बचपन के वो खूबसूरत और अनमोल पल,
है वो दुआ तू हर एक की ज़िंदगी मे,
जो बिना कहे हर पल अपनो के लिए करती है इबादत।
भूल कर भी अपने आप को,
कितनी खूबसूरती से रचती है तू अपनो का जहाँ,
है तू कुदरत का वो करिश्मा,
जो कर देती है हम पर अपना पूरा जीवन कुरबान,
तेरे प्यार में है वो ताकत और खूबी,
जो हर किसी को कर देती है उन्नत।
खुश रहे तू हर पल यूँही जिंदगी में,
यही है मेरी दुआ और यही है मेरी मन्नत।