दिल की आवाज़
दिल की आवाज़
कहने को तो कुछ भी नही है खास,
पर क्या तुम को है आभास,
दिलों में राज़ बन कर दबे हैं
न जाने कितने एहसास,
वो बंद दिलों के दरवाजें और वो गहरी सांस,
वो अनकही बातें बनती गई गूंजते अल्फ़ाज़,
अब न हो खुद से और सब से तुम नाराज़,
छोड़ दो अब रंजिशों को और
सुनलो अपने दिल की आवाज़,
जो कह रहा है हर पल अब
कर लो एक नई आगाज़।