ऐ खुदा के बंदे
ऐ खुदा के बंदे
ऐ खुदा के बन्दे तू क्यों रहता है इतना उदास?
कुछ खफ़ा खफ़ा सा लगता है, तू उस खुदा से,
वो तो बैठा है तेरी राह में,
तू मान या न मान उसकी रहमतें हैं हज़ार,
कहता नहीं वो तुझसे कि तू इबादत कर उसकी हर पल,
क्यों खुद से तू रहता है खफ़ा, क्या है कोई नाराजगी?
तू एक बार उस खुदा से इज़हार तो कर और कर ले तू बंदगी,
मान ले तू तुझ में इल्म है हज़ार, पर कोई बात नहीं मेरे यार,
दिल है उसका इतना बड़ा कि
तुझको वो तुझसे ज़्यादा करेगा प्यार,
अब और न कर तू इंतज़ार, चल अब छोड़ दे तू
नाराज़गी और कर ले उस पर एतबार,
जो हाथ तू बढ़ाएगा, वो थाम लेगा तेरा हाथ
और देखना तू संवर जाएगी तेरी जिंदगी।