स्याही बदलनी चाहिए
स्याही बदलनी चाहिए
बिक गया है देश मंत्री बदलने चाहिए,
मिट्टी हुई रक्तिम तस्वीर बदलनी चाहिए,
कट गई है धान धूप फिर बदलनी चाहिए,
एक नई सी शाम में फिर बदलनी चाहिए,
जल रही थी जो चिताएं संख्या बदलनी चाहिए,
जिंदगी की रुख हकीकत में बदलनी चाहिए,
रोग क्या और दर्द क्या वजह बदलनी चाहिए,
जंग लगी जंजीरों में वो बदलनी चाहिए,
एक ही औजार था वो चूल्हे में बदलनी चाहिए,
राख थी जो बन रही रोटी में बदलनी चाहिए,
भूख ने मारा था मालिक ये कहानी बदलनी चाहिए,
मातम की थी जो कशिश रवानी बदलनी चाहिए,
कागज में अखवार के जो बंद थे वादे कहीं
वो खुलकर कहीं सच्चाई बदलनी चाहिए,
खुलासा हो कहीं तो फिर स्याही बदलनी चाहिए।