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Rajiv Jiya Kumar

Abstract Romance Classics

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Rajiv Jiya Kumar

Abstract Romance Classics

क्या पूछते हो

क्या पूछते हो

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न पूछो अपनी अब

हम न कुछ कह पाऐंगें

दिल तो गुम हुआ आपमें

महफिल आपकी सजाऐंगें।।


 आपने दिया सनम इतना प्यार 

 लब गीत आपके हीं गाऐंगें

 हम तो बस ईक थे अकेले

 हर लम्हाँ आप संग बिताऐंगें।।


कह लिया है अपनी आपने

हम तो यह कह जाऐंगें

सनम आपको किया है प्यार 

महल ख्वाबों का साथ आपके सजाऐंगें।।


 न पूछो अपनी अब

 हम न कह कुुछ पाऐंगें 

 बस आपको माना है जां 

 जां आप पर वार दिखाऐंगेें।।     


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