चित्र (रोटी थाली मेरा खिलौना)
चित्र (रोटी थाली मेरा खिलौना)
मैं एक छोटी लाचारी बेचारी सी बच्ची,
मैं हूँ अक्ल की थोड़ी सी कच्ची,
मैं खेली हूँ इठलाई हूँ थक के हारी हूँ।
बिस्तर ना पा सकी थाली में मै सो गई हूंँ।
थाली मेरा बना बिछौना,
रोटी बनी मखमली चादर।
सही गलत का बोध नहीं कछु।
मैं छोटी लाचारी बेचारी बच्ची हूंँ।
बिस्तर ना पाकर थाली में सो गई हूंँ।
चम्मच कटोरा का मुझे कछु न ज्ञान,
टन टन चम्मच थाली बजावत मैं सो गई हूंँ।
सब्जी मम्मी हमे चटावट,
चाटत चाटत थाली में मै सो गई हूंँ।
चम्मच थाली कटोरा बना मोरा खिलौना।
थाली में आके मैं सो गई हूंँ।
उजाला रंग मोहे बड़ा सोहाबे,
चावल देख मैं थाली में आ गई हूंँ
हरा पत्ती से हमे डर लागत,
डर के मैं रोटी ओढ के सो गई हूंँ।
खट्टा मीठा हमे सुहाबे,
मै चटनी देख थाली में आ गई हूंँ।
संग बिरंगा सलाद हमे बड़ा सुहाबत।
सलाद देख मै थाली में आ गई हूंँ।
मैं लाचारी सी बच्ची अक्ल की,
थोड़ी सी मैं कच्ची
मैं थाली में सो गई हूंँ।
