मेरी मां
मेरी मां
चेहरा जिसको देख कर मेरी सुबह खूबसूरत हो जाती है
मुस्कुराहट जिसकी देखकर मैं सुकून से भर जाती हूं
जिसकी गोद में सर रखकर मेरी सारी चिंताएं सो जाती है
जिसके हाथों की छुअन से मेरी तकलीफ दूर हो जाती है
एक निवाला मां के हाथ से भुख सारी मिटा देता है
मां के हाथों का स्वाद कहा कोई भूल पाता है ।
बदलने लगते है जब हालात जिंदगी के
देने लगती है दस्तक चुनौतीयां जब
मिलता है तब हौसला मां से मुझे
आवाज उनकी बन जाती है पुकार जिंदगी की।
बस यही तो है मेरी मां
