परिस्थिति
परिस्थिति
परिस्थिति जैसी भी हो स्त्री को ढलना ही पड़ता है
कभी स्वयं के लिए तो कभी बच्चों के लिए लड़ना ही पड़ता है
ऐसा नहीं कि परिस्थिति से वह हार जाती है
वो तो प्रेम के लिए खुद को वार जाती है
कर के परिस्थितियों को स्वयं के अनुकूल
चटानी होगी हमारी विपरीत परिस्थिति पर हँसने वालों को धूल
हर पड़ाव पर स्वयं को दृढ़ बनायें चाहें जो हो परिस्थिति
वक्त सभी का बदलता है न राजा की भी डूबती है कश्ती
हिम्मत न हार मुसाफ़िर अभी, परिस्थिति से राह नहीं रुकती
सफ़र चुनौतीपूर्ण है,आगे बढ़ने के प्रयास से,ज़िंदगी कटती
परिस्थिति जैसी भी हो स्वयं को दृढ़ कर आगे बढ़ना है
प्रतिकूलता में भी मुस्कान ढूँढ जीवन ख़ुशियों से भरना है।
