Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Classics

4  

Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Classics

वादा रहा

वादा रहा

1 min
402



कहा था एक दिन भगवान राम ने,

हर जीव जंतु, मानव रहेंगे खुशहाल,

वादा रहा ये मेरा कोई न रहे भूखा,

मात पिता की बेटा करेगा देखभाल।


जब सूरज-चांद, जान रहेगी मेरे तन,

यह वादा है झूठ नहीं कभी बोलूंगा,

राजा हरिश्चंद्र नाम रहेगा इस जहां में,

अपनी आंखों से सच को ही तोलूंगा।


परशुराम निकल पड़े करके एक वादा,

इस धरती को क्षत्रिय विहीन कर दूंगा ,

जब तक फरसा मेरे हाथ में ही रहेगा,

रक्तपात क्षत्रियों का पल में कर दूंगा।


श्रवण कुमार चल दिये धामों की सैर,

अंधे मात पिता को कंधे पर धरण कर,

वन जंगल घूमता वादा किया था घोर,

चले जा रहे थे सरयू नदी पर नहीं डर।


देश की उन्नति और विकास होता रहे,

वादा रहा मेरा तन मन से सहयोग दूंगा,

जब तक इस धरती पर जीवित रहता हूं,

तब तक मैं धरती माता का ऋणी रहूंगा।


वादा रहा मात पिता की करूंगा मैं सेवा,

सेवा करते रहने से मिलता है जग मेवा,

गुरु देवों की सेवा से मिलता है वो फल,

सेवा करने से हर समस्या का होता हल।


धर्म कर्म पर चलकर रटूंगा प्रभु का नाम,

वादा रहा मेरा गरीबों की सेवा यूं करूंगा,

सदा देशद्रोहियों का नाश करता ही रहूंगा,

सदा अपने पथ पर चलूं कभी ना डरूंगा।


अपने कर्तव्य ईमानदारी से करता रहूंगा,

ये वादा रहा मेरा कभी नहीं पीछे हटूंगा,

एकता एवं भाईचारे की बनूंगा मिसाल,

मरते दम तक उस दाता का नाम रटूंगा।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics