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Pushp Lata Sharma

Action Fantasy Others

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Pushp Lata Sharma

Action Fantasy Others

संग पुरुषों के खड़ी हैं

संग पुरुषों के खड़ी हैं

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बेटियाँ अब पंख पाकर।

खूब उड़तीं मुस्कुराकर।


संग पुरुषों के खड़ी हैं।

हर तरफ कंधा मिलाकर।


बेटियाँ हर क्षेत्र में अब।

बढ़ रहीं मुश्किल हटाकर।


कर रही साबित स्वयं को।

वायुयानों को उड़ाकर।


क्या गगन है क्या हिमालय।

चल रही हैं ध्वज उठाकर।


"पुष्प" ये डरतीं नहीं अब।

हँस रही ये खिलखिलाकर।



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