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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Action

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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

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एक इंच भारत

एक इंच भारत

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उस देश का वासी उस पार रहे 

सुरक्षित हो और कामयाब रहे,

पर शायद ऐसा है नहीं 

ऐसा कौन है जो सरहद

पर मरता नहीं।


हम भारत के

जवान भारत वासी

भारत सुरक्षा की

खातिर जान गवां दी।


सरहद पर बंधी कंटीली 

तार बोली है ,

एक-एक इंच पर 

लग जाती है गोली 


याद करो वो सरहद पर 

आह निकलती बोली,

सरहद पर मरता जवान 

भारत देश होता महान।


मैं तार मैं कंटीली 

मैं मजबूत नहीं अब

झेल रही हूँ सरहद पर गोली,

मेरा सीना कब का छलनी 

और कब तक झेलू मैं हर गोली।


एक-एक इंच तुम पीछे हटकर

और कितने भारतीय 

जवान गवांओगे 

जब मैं ही नहीं सुरक्षित  

तुम जवान कैसे बचाओगे,


भारत की सरहद को 

और मजबूत बनाना है।

सरहद अगर सुरक्षित नहीं

जवान हमारा सुरक्षित नहीं 

सरहद पर पड़ी हर लाश बोली है 

एक एक इंच पर धाक गोली है।


भारत की सरहद हमारी 

फ़िर भी जाती जान हमारी 

क्यूँ ना हम एक इंच भी हिले 

दुश्मन को जीत मिले,


मैं जवान मैं सिपाही 

मैं भारत का निवासी 

मैं ही हूँ भारत का रखवाला 

एक-एक इंच अब नहींं हटंगे 

टुकड़ो में हम नहीं बटंगे।


आज फ़िर हक बोली है 

सीने पर खाई गोली है 

एक इंच भारत न बनाओ

हर माँ का एक जवान

एक-एक इंच पर मर मिटेगा।


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