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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

कही अनकही बातें

कही अनकही बातें

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होठों में जैसे दबी रह गई थी कुछ कही अनकही बातें, 

हाथों पर हाथ रख कर कही कुछ कही अनकही बातें। 


आज भी शिकायत है क्यूँ न कही कही अनकही बातें, 

जब मौका दस्तूर तो कहनी थी वो कही अनकही बातें। 


कुछ अनकही ख़्वाहिशें कभी कुछ कही अनकही बातें, 

हक़ीक़त में नहीं पर ख़्वाब में कही कही अनकही बातें।

 

मन में सदा रही कुछ अनकही यादें कुछ अनकही बातें, 

दिन के शोर में ना रात की ख़ामोशी कहें अनकही बातें। 


हारा प्यार की बाजी नहीं कही उन्हें कही अनकही बातें, 

दिल की बाजी जीते चाहे नहीं कही कही अनकही बातें। 


बनते प्यार के किस्से कहानी कहता कही अनकही बातें, 

अधूरी रही दास्तान-ए-इश्क़ न कही कही अनकही बातें। 


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