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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Action

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

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कैसे इजहार हो

कैसे इजहार हो

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कैसे इजहार हो, प्यार कहते हुये आए शर्म,

दिल की बात होती, बिरला ही जानता मर्म।

प्यार कर तो लेते हैं, परंतु रास नहीं आता है,

प्यार करने पर सांसे फूले, श्वास हो जा गर्म।।


कैसे इजहार हो उनसे, आंखें झुक जाती हैं,

मन प्रसन्नचित हो जाये, सामने वो आती है।

कहना भी चाहता मन की बात, कह न पाऊं,

तन्हाई में उसकी यादें हमको,दर्द दे जाती है।।


कैसे इजहार किया होगा, जो कर गये प्यार,

एक के बाद एक कहीं होंगी, बातें ही हजार।

प्यार सदियों से चला आया,दिल की है बात,

प्यार नकदी का काम है, नहीं मिलेगा उधार।।


कैसे इजहार किया मजनूं ने सामने थी लैला,

खो गया था प्यार में वो, नहीं बना था छैला।

जोड़ी बनी थी जगत में, नाम हो गया अमर,

सच्चा था मजनूं नहीं था मन से कभी मैला।।


प्यार करना तो आसान, वादे निभाना कठिन,

कष्टों में जीकर पूरे किये जाते हैं जग के वादे।

कभी दर्द देने के कभी कत्ल के होते हैं इरादे,

वादे बहुत होते हैं, जहन में बैठी रहती यादें।।


सोहनी महीवाल आये, प्यार के वादे निभाये,

कभी सोहनी को महीवाल, प्यार से बुलाये।

मरकर अमर हो गये हैं वो,वादे जरूर निभाये,

प्यार की जोड़ी हो तो ऐसी जो हरदम हँसाये।।


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