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Sheetlba Jadeja

Drama Action

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Sheetlba Jadeja

Drama Action

इश्क

इश्क

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उसने देखा और नाप लिया की हम कमजोर हे ,

थोड़ा सा हररोज वार करना और तोड़ना,

जेसे मानो हम उसकी शराब का इक नशा हो,


सागरों से गहरा यकीन था उन पर ,

फ़रिश्ता मानते थे हम उस चाँद को,

चांदनी भर देगा वो अंधेरी जगह मे,

लेकिन उस चाँद पर भी ग्रहण था !


उन हाथो को चूमते थे मेरे लब्स,

उन्जान थी धड़कन उस हाथो के चाबुक से,

मार खाके भी मुस्कुराती थी वो दर्द से ,

शीशे की तरह टूटते हुए हरपल हर एक लम्हे से,


इस शरीर को तो जला भी दे अगर ,

घर जलता हे तो सिर्फ राख बचती हे ,

जीया हुआ हरा लम्हा यादे नही जलती ,


खुदाभी कुछ एसा करता की ,

उन यादो का पन्ना रात में ही मीटा देता ,

नींद मेरी खुली आखों से चुराकर न जाता वो,

और थोड़ा सा सुकून मेरे सीने में छोड़ देता।


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