मिट्टी के लाल
मिट्टी के लाल
मातृभूमि की भाल है ये
शोर्य-गाथा की ताल है ये
रक्षा-कवच की ढ़ाल है ये
प्राण-वायु की चाल है ये
दुश्मनों का काल है ये
साहस के भूचाल है ये
देशभक्ति का उबाल है ये
दृढ़शक्ति में कमाल है ये
स्वतंत्रता की मशाल है ये
जन-जन का ख्याल है ये
आतंकियों पर बवाल है ये
लहराते तिरंगे का हाल है ये
आतंकी चालों की टाल है ये
दुश्मनों पर बिछा जाल है ये
शहीदों की याद का साल है ये
अस्त्र-शस्त्रों से मालामाल है ये
भारत माता नौनिहाल है ये
पूरे विश्व पर मिसाल है ये
है धन्य भारत है धन्य ये भूमि
जिसकी मिट्टी के लाल है ये।
देश की तीनों(जल-थल-वायु)
सेना को समर्पित।
