फ़ौजी संग कदम
फ़ौजी संग कदम
साथ चले हैं जो ये कदम
तो कदम रुकेंगे नहीं,
दिल के जो एहसास है
वो थमेंगे नहीं।
कैसा भी हो तूफ़ान जीवन का
उनसे कहेंगे यही,
हम तो है एक वतन रखवाले
इन तूफ़ानों से डरेंगे नहीं।
एक ताल बनाकर चलना आता है
एक सुर में हमें खनकना आता है,
कदम से कदम मिला
"अंतिम पग" रखे है
इसीलिए अंतिम साँस में भी
धड़कना आता है।
माना कि ज्यादा वक़्त
नहीं मिलता हमें
पर दोनों को अपना फर्ज़
निभाना आता है,
कुछ कदम वो चलकर
और कुछ कदम हम चलते
ऐसे ही अपने फ़ासले
मिटाना आता है।