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Ruchika Rana

Tragedy

3  

Ruchika Rana

Tragedy

स्नेह-बंधन

स्नेह-बंधन

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 चाहे जितनी करें कोशिशें,

 पर तुमको भूल ना पाएंगे,

 गुजरे वक्त के पल छिन प्यारे,

 याद तुम्हारी दिलाएंगे!


 चाहा नहीं था तुमसे कुछ भी,

 बस एक स्नेह का बंधन था,

 मेरी तरह दिल से निभाओ,

 बस इतना ही तो चाहा था!


 कभी कोई उम्मीद ना रखी,

 तुमसे इस रिश्ते में मैंने,

 हां पर जो पग तुमने सजाया,

 तुम ही छोड़ कर चल दोगे,

 यह भी कभी ना जाना था!!


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