इतना तुमको चाहने लगे
इतना तुमको चाहने लगे
दिल की गहराइयों में बसा बैठे हैं तुमको,
भूलने में शायद अब जमाने लगें।
हर आती-जाती सांस में महसूस होते हो,
इस कदर तुम को चाहने लगे।
अलसाई-सी सुबह खुलती हैं जब ये आंखें,
याद आता है नाम तेरा, फकत तेरी ही बातें।
तमाम दिन गुजर जाता है इंतजार में,
तुझे सोचते-सोचते ही ढलती हैं रातें।
मेरे ख्वाबों की बस्ती में डेरा बस तेरा है,
महबूब-सा लगता वो चांद तेरा ही चेहरा है।
झिलमिल करते तारे, मदहोश-सी चांदनी
मेरी बेचैनी की गवाही देने लगे।
अल्फाज नहीं बयां करने को,
हम कितना तुमको चाहने लगे।
बात और है कि तुम न महसूस कर सके,
इन धड़कनों की जुबानी कहे एहसासों को।
न कहकर भी कही बातों को,
बिन किए प्यार के इजहारों को।
काश! कभी समझ पाते तुम भी,
इस मासूम से दिल के इशारों को।
समझ पाते कि मोहब्बत इतनी है ,
कि सब सितम तुम्हारे अब सुहाने लगे।
हर दर्द को दिल में बसाने लगे,
हम इतना तुमको चाहने लगे।