Sana K S

Romance

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Sana K S

Romance

समझौता...

समझौता...

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हाँ, मेरा समझौता है तुम्हारीं आँखों से...

जो उन में आँसू नहीं देखे जाते...

हाँ, मेरा समझौता हैं तुम्हारे होंठों से...

जो उन पर सिर्फ मुस्कान पसंद है...

हाँ, मेरा समझौता हैं तुम्हारे धड़कनों से...

जिनमें मेरे नाम की गुंजन होती है...

हाँ, मेरा समझौता हैं तुम्हारी आवाज से...

जो मेरे ना होना से उखड़ जाती है...

हाँ, मेरा समझौता हैं तुम्हारी जुल्फों से...

जो लहराएँ तो दिल धड़क जाता हैं...

हाँ, मेरा समझौता हैं तुम्हारे कदमों से...

जो रूक-रूक मेरा इंतजार करते हैं...

हाँ, मेरा समझौता हैं तेरी रूह से...

जो कड़ी धूप में मुझपर छाँव बन जाते हैं...

हाँ, मेरा समझौता हैं तेरी हर दुआओं से...

जो हर दर्द में मेरे साथ होते हैं...

हाँ, समझौता हैं मेरा तेरे हर एक पल से...

जो हर पल सिर्फ मेरे बारे में सोचते हैं...

हाँ, मेरा समझौता हैं तेरी मुहब्बत से...

उस मुहब्बत से जिसके लिए में अब तक तरसी हूँ...


समझौता इतना आसान नहीं है....

जो सिर्फ कुछ लफ्जों में तुम्हें समझा सकूँ..

हाँ, मेरी हर बात में समझौता हैं...

क्यूँ अब सिर्फ तुमसे मुहब्बत है....



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