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शायद उसे ही बेचकर शायर बना करते हैं लोग... शायद उसे ही बेचकर शायर बना करते हैं लोग...
तुमसे क्या उम्मीद करूँ मैं, तुम ना तो वो कांधा हो, और ना ही वो सीना...... तुमसे क्या उम्मीद करूँ मैं, तुम ना तो वो कांधा हो, और ना ही वो सीना......
मुहब्बत को करना और समझना इतना आसान नहीं हैं मुहब्बत को करना और समझना इतना आसान नहीं हैं
सुलझा सुलझा सा जो रहता था कभी अब असमंजस सा हो जाता है प्रेम... सुलझा सुलझा सा जो रहता था कभी अब असमंजस सा हो जाता है प्रेम...
तोड़कर बोलने की बस आदत मार देती थी तुम्हारी छोड़ गए ना.. छोड़ जाना ही था तुम्हें तोड़कर बोलने की बस आदत मार देती थी तुम्हारी छोड़ गए ना.. छोड़ जाना ही था तुम्...
एक बार भी उन्हें मैं पहन ना सकी सारे ही तो तुमने अपने हाथों से ही गंगा माँ में समा दिया एक बार भी उन्हें मैं पहन ना सकी सारे ही तो तुमने अपने हाथों से ही गंगा माँ म...
कैसे समझाऊँ तुझे... कैसे समझाऊँ तुझे...
यकिन रख मैं तेरा ही हूँ, पर कैसे भरोसा करूँ कि, तू किसी और सी नहीं.. यकिन रख मैं तेरा ही हूँ, पर कैसे भरोसा करूँ कि, तू किसी और सी नहीं..
अपनी बांहों में लेकर अपने सीने से तुमको कसकर लगा लूँ, अपनी बांहों में लेकर अपने सीने से तुमको कसकर लगा लूँ,
क्या तुम कभी किसी मुहब्बत की परछाई को छू सके हो.. क्या तुम कभी किसी मुहब्बत की परछाई को छू सके हो..