STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Fantasy

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Fantasy

सितारों की महफ़िल

सितारों की महफ़िल

1 min
360

बहुत जल्दी ये शाम आज ढल गई, 

मुझे घर जाने की याद भी आ गई,

मैं तो बैठा था सितारों की महफ़िल में,

चांद को देखा और तेरी याद आ गई।


तेरे विरह से मेरे मन में गमगीनी छा गई, 

तुझ से मिलन करने की तमन्ना बढ़ गई,

मैं तो सो रहा था ख्वाबों की दुनिया में,

तुझे ख्वाब में देखकर मेरी निंद उड़ गई।


ख्वाब में तुझे देखकर मेरी प्यास बढ़ गई,

मेरे तन और मन में इश्क की लहर छा गई,

मैं तो पुकार रहा था तेरा नाम मेरे दिल से,

कैसे तुझे मैं पाऊं वो बात मुझे रुला गई। 


सोचते और जागते ये रात भी कट गई,

तेरा इंतजार करके मेरी आंखें थक गई,

मैं तो तड़प रहा था तेरे मिलन के लिये "मुरली",

अचानक तू दौड़कर मेरी बांहों में सिमट गई।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance