Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kunda Shamkuwar

Abstract Tragedy Others

4.9  

Kunda Shamkuwar

Abstract Tragedy Others

सिस्टम की बेशर्मी

सिस्टम की बेशर्मी

1 min
161


आज कवि भी कविता लिखते लिखते फफक पड़ा है

क्या वह लिख सकेगा मजदूरों के पलायन पर कोई कविता?

टीवी में खबरें देख कर वह समझ नही पा रहा है की किसकी बेशर्मी देखे?

सिस्टम की या हुक्मरानों की?

किसको कहे बेशर्म वह?

उन मजदूरों को जो हर बार हड़काने के बाद भी भूखे प्यासे पैदल चले जा रहे है?

या उस सिस्टम को जो भूखे प्यास से बेहाल मजदूरों पर लाठियाँ भांज रहा है?

कैसे कहे उन मजदूरों को की यही है सबका साथ सबका विकास?

सिस्टम सही काम कर रहा है जो मजदूरों की घर वापसी को पलायन कह पल्ला झाड़ रहा है.....

उनके विश्वास को तोड़ कर...... 

मजदूरों के काफ़िले पैदल जा रहे है और सिस्टम परदेस से फ्लाइट्स में लोगों को ला रहा है

उन नौनिहालों से बेशर्मी से आँख मिलाते सूटकेस को रेल बनाती माँ की तारीफ करता है....

कवि भी क्या करे?

वह भी पलायन करता है....

आँखों मे आँसू भरकर चार लाईने लिखके वह अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेता है....

आजकल लॉकडाउन में घर के पाठक भी फेसबुक की हर पोस्ट को पढ़ लेते है

और मजदूर नित नए जुगाड़ से भूखा प्यासा ही चलते जाता है....




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract