शिक्षा का सपना
शिक्षा का सपना
माँ मुझको भी पढ़ना है
शिक्षित मुझको बनना है ।
कब तक यूँ मजदूरी करेंगे
अफसर मुझको बनना है ।।
देखो ! दूसरे गाँव के बच्चें
हंसते खेलते स्कूल जाते ।
मैं भी तो पढ़ना चाहता हूँ
मुझको भी तो सपने आते ।।
कंधे पर बस्ता लटकाकर
विद्यालय पढ़ने जाऊंगा ।
मेहनत करके पढ़ लिखकर
जीवन सफल बनाऊंगा ।।
शिक्षा जब मिलेगी मुझको
ज्ञान का दीप जलाऊंगा ।
माँ बापू के आँख का तारा
अफसर में कहलाऊंगा ।।
सपने सबके पूरे करूँगा
बहन के गुड़िया लाऊंगा ।
बहना को भी पढ़ा लिखाकर
धूमधाम से शादी कराऊंगा ।।
ईमानदारी से पैसे कमाकर
सब कर्ज़ में चुकाऊंगा ।
माँ बापू का सहारा बनकर
दुःख-दर्द में मिटाऊंगा ।।
शिक्षा का मन्दिर बनवा दो
हम सबको भी ज्ञान दिला दो ।
हे सरकार ! सुन पुकार हमारी
अज्ञानता को जड़ से मिटा दो ।।
"जसवंत" कहे, हे सरकार !
इन बच्चों को भी रस्ता दो ।
गाँव में स्कूल बनवाकर
इनको विद्या का बस्ता दो ।।
