Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Krishna Bansal

Drama

4.1  

Krishna Bansal

Drama

मोबाइल

मोबाइल

1 min
466


जब से एंट्री हुई है 

मोबाइल की, जीवन में, 

कुछ और सूझता ही नहीं। 

आया तो था यह हाथ में 

छा गया दिलो-दिमाग में।


जब मोबाइल नहीं था 

सब सहज था।


फुर्सत के क्षणों में 

प्रकृति की 

सुंदरता को निहारते थे 

पक्षियों को दाना खिलाते थे

कुत्तों को रोटी और 

गाय को चबेना देते थे 

प्यासे को पानी,

भूखे को खाना खिलाते थे

जब से एंट्री हुई है 

मोबाइल की, जीवन में, 

कुछ और सूझता ही नहीं।


फुर्सत के क्षणों में

कोई किताब या मेगेज़िन हाथ में पकड़ते थे

कोई कविता, उपन्यास, कहानी

आध्यात्मिक संदेश पढ़ते थे 

किताबों में लिखे 

वक्तव्य से प्रेरणा ले 

जीवन नैया के 

खवैया बनते थे। 

जब से एंट्री हुई है 

मोबाइल की, जीवन में, 

कुछ और सूझता ही नहीं।


फुर्सत के क्षणों में 

दोस्त मित्र मिल बैठ 

महफिल जमाते थे 

दुनिया भर की पॉलिटिक्स 

देश विदेश के हालात 

अखबार की खबरें 

कोई साहित्य 

कोई संगीत 

कुछ भी हमारी बातचीत का 

विषय बन जाता था

जब से एंट्री हुई 

मोबाइल की, जीवन में

कुछ और सूझता ही नहीं।


फुर्सत के क्षणों में जब

लेडीज़ बैठती थीं 

कपड़ा लत्ता, जेवरात, 

कॉस्मेटिक्स,

कुछ आप बीती 

कुछ जग बीती

कई विषय जलवा दिखाते थे।

जब से एंट्री हुई है 

मोबाइल की, जीवन में,

कुछ और सूझता ही नहीं।


वैसे तो अब 

किसी के पास समय ही नहीं है

कभी चार जन बैठ भी जाएं

हर एक का अपना मोबाइल

हर एक की अपनी दुनिया।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama