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N.ksahu0007 @writer

Abstract Drama Romance

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N.ksahu0007 @writer

Abstract Drama Romance

जुदाई का दर्द बयां कर रहा हूँ

जुदाई का दर्द बयां कर रहा हूँ

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हवाओं के साथ साथ ना लहरों का आना हुआ

ना हमारा ना तुम्हारा साहिल से टकराना हुआ

सँजोयें चल रहे यादो को,एक यही तो सहारा है।


इसलिए तो हमें तुम्हे ना अब तक भुलाना हुआ

यादों में याद कर-कर के और मैं दीवाना हुआ

रात-ए-दिन-ए-रात गम-ए–अश्क़ बहाना हुआ


इश्क़-ए-समुंदर में डुबायें वादे तोड़े इस कदर

की ना हमसे कभी इस दिल को समझाना हुआ

तकदीर के हाथों हार गए हम ख़ुदा कर रहम

एक झलक ही दिखा दे उन्हें देखे जमाना हुआ

वो शाम ही नही वैसी ना सुकूँ कहि आ रही


सिर्फ सीसे की तरह टूटकर बिखर जाना हुआ

वो शाम वो बारिश वो ख़त वो पल याद है।

दिल वहां जहां तू है ना और दिल लगाना हुआ

दिल-ए-गलियों में आज कल शोर ही शोर है।


सिर्फ जीने के लिए यादो से दिल बहलाना हुआ।


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