यहाँ कौन जाने किस्मत में किसकी टूट जाना लिखा है पर छाँव में इनकी सोकर दिल को सुक़ून मिला है रातों में... यहाँ कौन जाने किस्मत में किसकी टूट जाना लिखा है पर छाँव में इनकी सोकर दिल को सुक़...
नाजुक से सपने, सहेज कर ना रखो, कुछ करने की है, हिम्मत, उड़ने का हौसला रखो...! नाजुक से सपने, सहेज कर ना रखो, कुछ करने की है, हिम्मत, उड़ने का हौसला रखो...!
सपने...। सपने...।
सपना नहीं देखा तो क्या देखा ! सपना नहीं देखा तो क्या देखा !
मुमकिन है ! मुमकिन है !
कुछ ख्वाबों को पँख नहीं, बस एक आसमान चाहिए...। कुछ ख्वाबों को पँख नहीं, बस एक आसमान चाहिए...।