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Neha Sharma

Drama Inspirational

3.9  

Neha Sharma

Drama Inspirational

ड्रीम्स टू डाई फॉर

ड्रीम्स टू डाई फॉर

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नाजुक से सपने,

सहेज कर ना रखो,

कुछ करने की है, हिम्मत,

उड़ने का हौसला रखो।


सज के इन आँखों में,

चाहत है उड़ने की,

सफलता का जुनून,

अब आसमान छूने की।


मन में अगर सपने ना होते,

कदम कभी शिखर तक ना होते,

बेज़ुबान अल्हड़ से ये,

सपने कब भर आते है।


कुछ कर मिटने की तमन्ना,

जाने कब जुनून बन जाते है,

"कल्पना, सुनीता" के,

सपने की चाह ना होती,

हर लड़की की मंजिल,

चाँद की राह कैसे होती।


शिक्षा को मंजिल तक,

जाने की मेहनत ना करता,

तो आज वैज्ञानिक "कलाम",

मिसाईल मैन कैसे होता।


कड़ी धूप का सामना,

सैनिको में ना होता,

आज़ादी का आज लहराता,

पताका शान से ऊँचा कैसे होता।


बंद आँखों में अनगिनत,

सपनों को स्वप्न ना रखो,

दृढ़ निश्चय से खुली,

आँखों से प्रेयतन पूरा करो।


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