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NEHA SHARMA

Others

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NEHA SHARMA

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कुछ बोलूं !!

कुछ बोलूं !!

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कुछ बोलूं तो शब्द मेरे कमजोर

न काहू तो कैसे में शब्दो की चोर,

थक कर हार गई थी कई बार

लेकिन अब समझता नहीं कोई हालात मेरे चार,

समय को कोसू..... हाय!

में कैसी शब्दो की बनी चोर।।।

भावार्थ

एक कवि के पास बहुत सी चीजे सहेज के रखी जाती हैं,

मगर सही समय पर नहीं बाहर आती तो वो शब्द कैद है।

एक कवि ने लाखो शब्दो की चोरी की है, यदि जो सही समय पर सही जगह नहीं बहती और रुक जाती है!!!

तो क्या कवि बाते दफन रखना चाहता है?

क्यों वो कोई सही शब्द का इस्तमाल कर उसपर भरोसा नही कर पता

यही कारण है शायद कवि एक शब्दो का चोर है।


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