कुछ ख्वाबों को पँख नहीं, बस एक आसमान चाहिए...। कुछ ख्वाबों को पँख नहीं, बस एक आसमान चाहिए...।
उड़ान ! उड़ान !
मेरी, उड़ने की ख़्वाइशें नहीं, मैं ज़मीन पर ठीक हूँ । मेरी, उड़ने की ख़्वाइशें नहीं, मैं ज़मीन पर ठीक हूँ ।
जब सुनाई देती हैं, पन्छियों की दस्तक, पन्छियों को देखने के लिए, मुझे होता है मोहक। जब सुनाई देती हैं, पन्छियों की दस्तक, पन्छियों को देखने के लिए, मुझे होता है...
मन सारथी को कृष्ण बना लिया है मैंने रोक सको तो ............ मन सारथी को कृष्ण बना लिया है मैंने रोक सको तो ............
उड़न तश्तरी आयी थी, चकाचौंध फैलाई थी. उड़न तश्तरी आयी थी, चकाचौंध फैलाई थी.