कुछ ख्वाबों को पँख नहीं, बस एक आसमान चाहिए...। कुछ ख्वाबों को पँख नहीं, बस एक आसमान चाहिए...।
आँख बंद कर आसमां में स्वछंद उड़ने की आशा है...। आँख बंद कर आसमां में स्वछंद उड़ने की आशा है...।
सोचती हूँ चले आना तुम मेरे ख्वाबों में... सोचती हूँ चले आना तुम मेरे ख्वाबों में...
एक कविता... एक कविता...
थोड़ी सी आजादी हमें भी दे दो अपने सपनों के आकाश में उड़ने को...! थोड़ी सी आजादी हमें भी दे दो अपने सपनों के आकाश में उड़ने को...!
याद रखना वापस यही आना है तुम्हे! याद रखना वापस यही आना है तुम्हे!