मंगलवासी
मंगलवासी
उड़न तश्तरी आयी थी,
चकाचौंध फैलाई थी,
आसमान से उतरी थी
धरती पर मंडरायी थी
दूजे ग्रह से आयी है
'यू एफ़ ओ' कहलाई है
कई एलियन आये हैं
जो आकार घबराये हैं
इस धरती पर रुकी हुई
खड़ी रही वह नहीं उड़ी
हम सब उसके पास गये
देखा तो हैरान हुए
कुछ अजीब से जीव वहाँ
देख रहे थे जहाँ-तहाँ
उनको हमने रोका था
घर लाकर के सोचा था
ये सब कैसे आये हैं
क्यों इतने घबराये हैं
बच्चे आये उधर तभी
उनकी नज़रें उधर गयीं
उन्हें देख मुस्काते हैं
झटपट भागे आते हैं
हैलो बोल सब लिपटे थे
जैसे कब से बिछड़े थे
हाथ पकड़ कर बैठे थे
वह सब भी कुछ सम्हले थे
चाय समोसे मंगवाए
बड़े प्यार से खिलवाये
डर से बाहर निकले थे
अपना परिचय देते थे,
हम मंगल पर रहते हैं
अक्सर आते रहते हैं
बच्चों से हम मिलते हैं
हम धरती पर रहते थे,
अब मंगल पर रहते हैं
धरती को 'मिस' करते हैं
बच्चे अच्छे लगते हैं
नाहक नहीं झगड़ते हैं
साथ संग हम रहते हैं
खूब खेलते हँसते हैं
हमसे इतना डरो नहीं
संशय कोई करो नहीं
दुश्मन नहीं दोस्त हैं हम