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shaily Tripathi

Drama Action Inspirational

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shaily Tripathi

Drama Action Inspirational

आज़ादी का जश्न क्यों

आज़ादी का जश्न क्यों

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उठो सुबह शौचालय जाओ, ब्रश मंजन कर चाय बनाओ, 

टिफिन बनाओ, स्नैक्स बनाओ, घर वालों को रोज खिलाओ, 

खाने की तैयारी रखो, भाग दौड़ घर साफ कराओ, 

देर हो रही कुकर चढ़ाओ, ख़ुद जल्दी से नहा के आओ, 


ड्रेस-कोड में ऑफिस भागो, फिर ट्रैफिक में धक्के खाओ, 

तेज़ चले चालान कट गया, जुर्माना भी भर कर आओ,

देर हुई तो आधी छुट्टी या उसकी सेलरी कटवाओ 

भूख लगे तो ग़म खा जाओ, 'लंच ब्रेक' का टाइम देखो, 


छुट्टी पर अधिकार 'बॉस' का छुट्टी भी 'सैंक्शन' करवाओ, 

घर आओ तो चाय नाश्ता और रात का डिनर बनाओ, 

जल्दी सोना, जल्दी उठना इसी चक्र में पिसते जाओ, 

'संडे' को कपड़े धुल करके फर्नीचर और घर चमकाओ, 


तिथि,मुहूर्त,नक्षत्र देखकर मुण्डन,ब्याह, कथा करवाओ, 

दोस्त, डॉक्टर और वकील से टाइम लेकर मिलने जाओ, 

जीवन के इस घनचक्कर में आजीवन ही चलते जाओ, 

बिन इच्छा के जन्म हमारा नोटिस के बिन मरते जाओ, 


ध्वज-रोहण स्वतंत्रता-दिवस की सुबह-सुबह ही करने जाओ, 

बेमतलब मेरी आज़ादी, फिर क्यों इसका जश्न मनाओ ? 


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