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shaily Tripathi

Horror Tragedy Action

4.5  

shaily Tripathi

Horror Tragedy Action

करके पछताये

करके पछताये

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430


आज़ाद उड़ते परिंदों के पर काट देती है, 

यह वो बला है जो अच्छे-भले को मार देती है 

दिखाती है फरेबी ख़्वाब दुनिया नौजवानों को 

जो काटी नाक जन्नत दिख रहा सबको बताती है 


झेलते ख़ुद चले आये ब्याह जबसे रचाया है 

दिलों के रिस रहे घावों को दुनिया से छिपाती है 

ना शौहर ख़ुश ना बीवी और बच्चे मुस्कराते हैं 

हर इक घर में मचे कोहराम पर घूंँघट उढ़ाते हैं 


चली आयी रवायत ये मियां आदम के अर्से से 

ना कोई सीख ली नस्लों ने सब शादी रचाते हैं 

ये अहमक़ आज के बन्दे भी शादी खूब करते हैं 


काट कर पैर ख़ुद के ख़ुद कुल्हाड़ी हाथ में लेकर 

बाद शादी के शौहर और दुल्हन खूब रोते हैं 

ना मर्ज़ी से मिले सोना ना मस्ती और मनमौजी 

यहाँ बैठो यहाँ इस काम की तलवार लटकी है 


थे जबतक दोस्त या आशिक़ नशा दिल पर चढ़ा रहता

चढ़े घोड़ी उसी दिन से प्यार के सब नक़्श ग़ायब है 

सभी शादीशुदा जोड़ों को आए अक़्ल थोड़ी सी 

हक़ीक़त शादियों ये बतायें नस्ल को अपनी 


तभी सुधरेगी ये दुनिया, लोग ख़ुश रह रहे होंगे

पोल शादी की ग़लती की सभी के सामने होगी।


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