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Mamta Mamta

Others

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ख्वाबों की छाँव में

ख्वाबों की छाँव में

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तारो सा भरा है,

ख़्वाबों का आसमाँ

चमकीले कुछ

और फीके बहुत से है

यहाँ कौन जाने

किस्मत में किसकी टूट जाना लिखा है

पर छाँव में इनकी सोकर

दिल को सुक़ून मिला है

रातों में काली,

इनसे जगमगाया मेरा जहाँ है

भर लेने को झोली में,

अब मन उमड़ पड़ा है

 


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