तस्वीर
तस्वीर
रंग बिखरा किए, आँखें बहती रहीं
दिन निकलते रहे, शामें ढलती रहीं ।
मुद्दतें हो गई तू न आया मगर
तेरी तस्वीर से बात बनती रही ।
जब भी यादों तूफां ने ढाया कहर
तेरे अहसास की नाव तैयार थी ।
इश्क के गाँव में कैसी तन्हाईयां
धड़कनों के लबों पर तेरी बात थी।
बुझ गए हैं दीये ख्वाहिशों के मगर
आग उम्मीद वाली सुलगती रही ।
मुद्दतें हो गई तू न आया मगर
तेरी तस्वीर से बात बनती रही ।
दर्द की धूप में तेरी परछाइयां
रूह को हर तपिश से बचाती रही ।
बिन तेरे ऐसी कोई वजह तो न थी
फिर भी मैं हर घड़ी मुस्कुराती रही।
जादू ये इश्क का काम करता गया
दिल संभलता रहा सांस चलती रही ।
मुद्दतें हो गई तू न आया मगर
तेरी तस्वीर से बात बनती रही ।
गाना- मेरे रश्के कमर