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upma Bhatt

Inspirational

4  

upma Bhatt

Inspirational

सॉरी बोल दीजिए ना!

सॉरी बोल दीजिए ना!

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क्यों मन को बांधे बैठे हैं?

क्यों चुप्पी साधे बैठे हैं?

गिरहे सारी खोल दीजिए ना

एक बार सॉरी बोल दीजिए ना !


कब तक अनजान बने बैठे

अपना है, समझना तो होगा ।

रिश्तों की डोर ही ऐसी है

बंधे तो उलझना भी होगा ।

इस 'हूँ' और 'हाँ' की उलझन को

शब्दों से खोल दीजिए ना ।

एक बार सॉरी बोल दीजिए ना!


हर बार वही कुछ कहता है

इस बारी क्यों ना आप कहें?

बिन गलती के वो सुनता है

इस बारी क्यों ना आप सुनें!

रिश्तों की कीमत क्यों वही भरे ?

आप भी तो कोई मोल दीजिए ना ।

एक बार सॉरी बोल दीजिए ना !


प्यार में अहम नहीं टूटता है

छोटे भी नहीं हो जाते हैं ।

सब कुछ पाते जो झुकते हैं

संगदिल तो अलग हो जाते हैं ।

है प्यार तो दिल को खोल दीजिए ना

एक बार सॉरी बोल दीजिए ना !


वह भी कब तक सह पाएगा?

रोते रोते हंस पाएगा?

एक दिन सीमाएं टुटेगी

और क्रोध उभर कर आएगा ।

इससे पहले कि बात बढ़े

अपनी जिद छोड़ दीजिए ना

एक बार सॉरी बोल दीजिए ना !


कोई ऐसा वक़्त रहा होगा

जब दिल के तार छिड़े होंगे ।

कोई तो वज़ह रही होगी

जो मन से मन मिले होंगे

उस एक वज़ह की ही खातिर ।

मन को टटोल लीजिए ना

एक बार सॉरी बोल दीजिए ना !


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