रंग -नारंगी : न खोना और तुम
रंग -नारंगी : न खोना और तुम
वहीं पर रुक जाओ
न खोना और तुम..
सभी का दिल संभाला है तुमने,
अब स्वयं को संभालो तुम..
खुशियों को बांटना तुम्हारा स्वभाव रहा है,
अब सभी कुछ बांट कर खाली न रह जाना तुम..
अधिकार है तुम्हारा अपने आनंद को पाने का,
दूसरों को सब देना ठीक है
लेकिन अपने अस्तित्व को नहीं मिटाना तुम..
इस बांटने और दिल संभाले की फितरत में लूट गयी हो तुम,
यह एहसास भी नहीं रहा कि बदल रही हो तुम..
खुलकर हंसनेवाली बेखौफ थी पहले तुम,
अब सहमी सहमी, घबराई हुई सी हो तुम..
खोजाने के डर में जीने थी तुम,
इसी खौफ में सभी कुछ बांट रही थी तुम..
अब रुक जाओ वही पर न खोना और तुम,
अपने अस्तित्व और अस्मिता को फिर जगाओ तुम..
रुक जाओ वही पर न खोना और तुम।