Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Lokeshwari Kashyap

Drama Inspirational

4  

Lokeshwari Kashyap

Drama Inspirational

मर्यादा

मर्यादा

1 min
324


हर एक का सम्मान करो l

मर्यादा में रहकर सारे काम करो l

धरती मर्यादित, अंबर मर्यादित,

मर्यादा में रहती है ये प्रकृति l

जिस दिन मर्यादा टूटी इनकी,

उथल -पुथल हो जाती है सृष्टि l

सरिता मर्यादा में जब रहती,

समृद्धि पाते इसके तट के वासी l

जब ये मर्यादा तोड़े अपनी,

हस्ती मिटाकर सब बहा ले जाती l

सूरज, चंदा मर्यादित, नक्षत्र मर्यादित,

मर्यादा में रहता ब्रम्हाण्ड सारा l

मर्यादा में रहता सागर खारा l

स्वच्छंदता को मत कहो स्वतंत्रता,

मर्यादाहीन होती स्वच्छंदता,

जाने हैं यह सकल जहान l

मर्यादित रहती है स्वतंत्रता l

नर और नारी सब रहे मर्यादित,

मर्यादा में रहकर सारे काम करो l

मर्यादा में सुख समृद्धि सुंदरता का वास l 

मर्यादा में सब के सुर और ताल रहे, मर्यादा का सम्मान सदा हो,

सबको ही यह ध्यान रहे l

मर्यादा का अर्थ समझाने स्वयं प्रभु धरा पर आए l

कठिन परिस्थितियों में भी,

जिन्होंने मर्यादा के धर्म निभाएं l मर्यादा पैरों की बेड़ियां नहीं है,

मर्यादा सम्मान और सुरक्षा है l

मर्यादा को कमजोरी ना समझो ऐ दुनिया वालों,

अमर्यादित होकर खुद को ना यूँ,

पतन की आग में झोंक डालो l

अति -कमी हर चीज की होती खराब, मर्यादा में करो सेवन प्रकृति का हर पदार्थ l

मर्यादा से बाहर गए तो सबको भुगतना ही पड़ेगा गंभीर परिणाम l



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama