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Amit Kumar

Abstract Drama Tragedy

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Amit Kumar

Abstract Drama Tragedy

तेरा जाना

तेरा जाना

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कुछ बेचैन सा कर गया था

मेरे दिल को

कहीं भीतर तक

लेकिन मैं स्तब्ध बोध से

विस्मृत भाव को जाग्रत कर

उन माजी के दरीचों से झांककर

जब भी देखता हूँ

बहुत दूर तक सोचता हूँ

बड़ी देर तक सोचता हूँ

मेरी उम्र का एक बेहतरीन पड़ाव था

तेरा आना

और मेरी ज़िंदगी का एक गमगीन दौर रहा

वो तेरा जाना।



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