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Bikramjit Sen

Abstract Drama

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Bikramjit Sen

Abstract Drama

एहसास

एहसास

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दीपावली की सुबह

मैने किया है एहसास

मैं हूँ, चाँद

वो है सूरज, जीवन का मेरे


हमेशा उसकी रोशनी है मेरे साथ

मैं शुक्रगुज़ार हूँ उसका

उसने समझा है मुझे

जैसे मै हूँ

अपनाया है मुझे


मैं शुक्रगुज़ार हूँ उसका

मुझे मेरी तरह अपनाने के लिए

मैं शुक्रगुज़ार हूँ उसका

मेरी ज़िंदगी में आने के लिए।


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