अब मैं क्या करूँ?
अब मैं क्या करूँ?
इस बेरुख़ी की वजह क्या है?
आख़िर मेरी ख़ता क्या है?
तुम खुश हो अपनी ज़िन्दगी में
मैं नहीं हूँ
क्या करूँ
मैंने एक गलती जो की है
अपनी खुशियों की चाबी
तुम्हारे हाथों में जो दे दी है
अब यही मेरी सबसे बड़ी ख़ता है
सबक है यही, सीख यही, यही सज़ा है।

